जिन पांच राज्यों में चुनाव हो रहे हैं, उनमें पंजाब (Punjab) ही एक ऐसा सूबा है जहां कांग्रेस की सरकार है. लिहाजा यहां कांग्रेस को सत्ता में लौटने की उम्मीद ज्यादा है और यहां कांग्रेस (Congress) मजबूती के साथ जमीन पर उतरने का दावा कर रही है. लेकिन क्या पंजाब की सियासत में वाकई कांग्रेस मजबूती से विधानसभा चुनाव लड़ रही है. ये सवाल इसलिए नहीं पूछे जा रहें हैं, क्योंकि चंद महीने पहले तक कांग्रेस के सीएम रहे कैप्टन अमरिंदर सिंह (Captain Amarinder Singh) अब अपनी पार्टी बनाकर चुनावी मैदान में है. ये सवाल इसलिए पूछे जा रहे हैं क्योंकि पंजाब में जिन्हें कांग्रेस ने सत्ता में वापसी के लिए अपना कमांडर चुना है, वो खुद कुर्सी की लड़ाई में उलझे हुए हैं.
कांग्रेस पंजाब में सामूहिक नेतृत्व की दुहाई दे रही है, लेकिन अंदरखाने सिद्धू और चन्नी के बीच जंग इस बात की है कि अगला सीएम कौन होगा. ये जंग कितनी तीखी है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि राहुल गांधी के सामने ही सीएम फेस को लेकर सिद्धू और चन्नी उलझ गए. पंजाब में राहुल गांधी पहुंचे तो थे पार्टी वर्कर्स और पंजाब वोटर्स को ये यकीन दिलाने की सब कुछ ठीकठाक है, लेकिन उसी मंच से वो सियासी एपिसोड टेलिकास्ट हो गया जिसने राहुल गांधी को शॉक कर दिया.
पंजाब कांग्रेस में सीएम के चेहरे को लेकर पड़ी दरार और गहरी हुई
पंजाब कांग्रेस में सीएम के चेहरे को लेकर पड़ी दरार और गहरी हो गई है. जालंधर में राहुल गांधी की वर्चुअल रैली में सिद्धू और चन्नी दोनों ने भरे मंच से मुख्यमंत्री पद पर दावेदारी ठोक दी. शुरुआत की सिद्धू ने, जिन्होंने सबसे पहले माइक संभाला और राहुल गांधी के सामने दनादन जुबानी शॉट्स खेले. सिद्धू जब अपनी दावेदारी ठोंक रहे थे तो राहुल गांधी के साथ बैठे सीएम चन्नी दिखाने के लिए तो खुश होकर तालियां बजाईं, लेकिन जब उनके बोलने की बारी आई तो सिद्धू को क्लीन बोल्ड करने के लिए अपनी कोशिश में कोई कसर नहीं छोड़ी
सिद्धू की दावेदारी को चन्नी ने ना सिर्फ उन्हीं के सामने चुनौती दे डाली बल्कि अपनी सियासी बातों के लच्छे में लपेटकर उन्हें गले लगने पर भी मजबूर कर दिया और राहुल गांधी को अपने एक और सियासी हुनर से वाकिफ करा दिया. चन्नी ने तो बहुत चालाकी से सिद्धू को उनकी दावेदारी को उनके साथ एक ही मंच पर रख साथ खड़े होकर चैलेंज कर दिया और सिद्धू ने भी राहुल गांधी के कानों तक अपनी बात सरेआम पहुंचा दी. चन्नी और सिद्धू ने जो किया, उसकी उम्मीद शायद राहुल गांधी को नहीं थी. लेकिन जब दोनों ने सीएम फेस डिक्लेयर करने की डिमांड कर दी तो राहुल गांधी ने ऐसी गोल-मोल बात की, जिससे ना चन्नी को क्लियर जवाब मिला और ना सिद्धू को.
लेकिन वो कौन होगा. कांग्रेस सिद्धू से किनारा करेगी या चन्नी से कन्नी काटेगी. सीएम चेहरे का चुनाव कार्यकर्ता करेंगे, लेकिन कैसे. आम आदमी पार्टी की तरह फोनलाइन ओपन करके या फिर सीक्रेट वोटिंग से. तो अब क्या होगा और कौन चुना जाएगा ये कांग्रेस तय करेगी, लेकिन इतना जरूर तय है कि जो भी होगा बहुत जल्द होगा, क्योंकि अकाली दल और आम आदमी पार्टी अपने-अपने सीएम कैंडिडेट डिक्लेयर कर चुके हैं और वोटिंग में भी बस तीन हफ्ते ही बचे हैं और इसलिए कांग्रेस पर बहुत प्रेशर है.
एक ओर प्रेशर है तो दूसरी ओर बहुत बड़ी मुश्किल और मुश्किल ये है कि चन्नी और सिद्धू दोनों मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं. दोनों ही ये मानकर चल रहे हैं कि उनको ही सीएम कैंडिडेट के रूप में चुना जाएगा. इसी भरोसे पर दोनों कह रहे हैं कि मुख्यमंत्री का नाम डिक्लेयर कर दिया जाए. ऐसे में जिसका नाम रिजेक्ट होगा वो पक्का दूसरे की नींव खोंदने में लग जाएगा, जिससे कांग्रेस को नुकसान होना तय है